पटना- राज्य में बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए राज्य सरकार ने साइबर क्राइम में साइबर इंटेलिजेंस की स्थापना की जिसका उद्देश्य साइबर क्राइम की घटना को रोकना है.
1930 और पोर्टल पर दर्ज कारण अपनी कंप्लेंट
एसपी ने साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी के साथ साइबर क्राइम की घटना घटती है तो सबसे पहले वह तुरंत 1930 जो की एक टोल फ्री नंबर है उसे पर अपनी कंप्लेंट दर्ज कारण इसके साथ जो भारत सरकार द्वारा जो रजिस्टर्ड पोर्टल है उसे पर भी अपने कंप्लेंट को दर्ज कारण ताकि आपके पाइपलाइन के ट्रांजैक्शन को तुरंत ऑनलाइन रोका जा सके.
दोनों प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद नजदीक के साइबर थाने में जाकर अपनी कंप्लेंट दर्ज कराए .बिहार में साइबर क्राइम के 43 थानों की स्थापना की गई है जिसका उद्देश्य साइबर क्राइम की घटना को रूट लेवल पर रोकना है.
अनजान लोगों को किसी तरह का ओटीपी ना सजा करें
साइबर क्राइम की भर्ती घटना से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि अनजान लोगों को के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दोस्ती ना करें और ना ही किसी भी तरह का ओटीपी उनके साथ साझा करें नहीं तो आप आसानी से साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते है
एनीडेस्क या बैंक खाता के नाम पर अपराधी लोगों को शिकार बना रहे थे.
साइबर क्राइम द्वारा पढ़े लिखे युवकों ने नए-नए तरीकों को विकसित किया है क्योंकि साइबर क्राइम करने वाला अनपढ़ नहीं होता है वह कंप्यूटर का पूर्ण जानकारी रखने वाला व्यक्ति होता है .इसीलिए इस तरह के अपराधी आपके आसपास या आपके दोस्त मोहल्ले कहीं भी किसी भी तरह से आपका शिकार बना सकते हैं. केवल ध्यान रखने वाली बात है कि आप अपना ओटीपी साझा करने से पहले एक बार विचार जरूर करें और अनजान लोगों पर किसी भी तरह का विश्वास ना करते हुए उसे अपना ओटपी न बताएं.
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