डॉक्टर बिंदेश्वरी पाठक अब हमारे बीच नहीं रहे। करीब 80 साल की उम्र में आज मंगलवार के दिन दिल्ली के एम्स में उनका निधन हुआ। पाठक सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे पद्म भूषण से सम्मानित थे ।आज सुबह सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में झंडा फहराने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई ।उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री ने किया निधन पर शोक प्रकट
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
पद्म भूषण से सम्मानित हुए थे
डॉ विंदेश्वरी पाठक को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था ।इस सम्मान पर उन्होंने काफी गर्व महसूस किया मानो उनकी मेहनत सफल हो गई जो सुलभ इंटरनेशनल कि उन्होंने स्थापना की थी उसका सफर पद्म भूषण से पूरा हुआ।
बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे पाठक
डॉ विंदेश्वरी पाठक बिहार के वैशाली जिले के मूल निवासी थे। उन्होंने 1964 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद बिहार गांधी शताब्दी समारोह समिति के भंगी मुक्ति यानी मेहतरों की मुक्ति जिससे उन्हें भारत में सर के उपर मैला ढोने वाले समुदायों की स्थिति के बारे में काफी अच्छे ढंग से पता चला।
1970 मे सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की
डॉक्टर बिंदेश्वरी पाठक ने मैला ढोने वाली प्रथा को खत्म करने के लिए सन 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश नागरिकों को स्वच्छ शौचालय की सुविधा मुहैया कराना था।