ऐ मेरे राज्य के लोगों जरा आंख में भर लो आंसू…भगवान का दर्जा देने वाले डॉक्टर को इस तरह से मत मारो कि वह एक बार फिर बिहार से पलायन के बारे में सोचने लगे.जिस तरह से मात्र 48 घंटे में डॉक्टर के ऊपर जानलेवा हमले की यह दूसरी घटना है .जो जानकारी में आई और जिन पर एआईआर हुआ है.पता नहीं नोक – झोक की घटना जनता द्वारा कितनी हो रही होगी.
मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर पर जानलेवा हमला. एफ आई आर दर्ज
मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सा पदाधिकारी पर जानलेवा हमला किया गया.डॉक्टर की माने तो 11 अगस्त को एक गर्भवती महिला सीमा कुमारी पति रवि रंजन कुमार का मेरे द्वारा इलाज किया गया .महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया.जन्म के उपरांत नवजात शिशु की स्थिति काफी गंभीर थी .मैंने उसे एस.के.एम.सी.एच सदर अस्पताल रेफर कर दिया पर परिजनों द्वारा लगातार प्राइवेट अस्पताल में रेफर करने का दबाव डाला गया मैंने एस.एम.सी.एच.रेफर का ही कागज बनाया.
आपसी बहस के कारण नवजात शिशु की इलाज में हुई देरी बच्चा को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने के बाद हुई मौत
डॉक्टर और परिजनों मे लगातार रेफर को लेकर हो रहे बहस के कारण नवजात शिशु का इलाज सही समय पर नहीं हो पाया प्राइवेट अस्पताल काफी विलंब से पहुंचने के बाद वहां के चिकित्सकों द्वारा नवजात शिशु को मृत करार दे दिया गया
मृत बच्चे के परिजन द्वारा सामूहिक भीड़ के साथ मड़वन अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी पर जानलेवा हमला
इस तरह की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है भीड़ द्वारा ऑन ड्यूटी महिला चिकित्सक पर हमला किया जाता है। महिला चिकित्सक भीड़ के हमले से बचने के लिए शौचालय में छिपकर अपनी जान बचाई । स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बलपूर्वक भीड़ को तितर-बितर किया गया नहीं तो किसी अनहोनी की घटना निश्चित थी।
क्या इस तरह की घटना पुरानी शासन व्यवस्था की याद दिलाता है ?
चिकित्सक जो अपना संपूर्ण जीवन दूसरों की सेवा के लिए बिता देते हैं ।आज इस राज्य में अपनी जान बचाने के लिए कई शौचालय तो कभी कोई ओपीडी के रूम में छिपकर अंदर से दरवाजा बंद कर दूसरे की जान बचाने वाले अपनी जान की रक्षा के लिए अस्पताल कर्मियों पर निर्भर हो जाते हैं ।क्या इस तरह की घटना फिर से वही पुरानी यादों को नहीं दोहराता?