मुजफ्फरपुर:अंचल कार्यालय के सामने वार्ड संख्या 40 में टूटे हुए मंच से गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा तोलन किया गया जो भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रूप में माना जाता है।
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज का उचित तरीके से सम्मान करना आवश्यक है.यदि किसी टूटे हुए मंच से या असमर्थनीय स्थिति में झंडा तोलन किया जाता है तो इसे ध्वज के अपमान के रूप में माना जाता है।
ध्वज संहिता में विशेष रूप से यह कहा गया है की ध्वजा को किसी भी ऐसे स्थान पर प्रदर्शित नहीं किया जा सकता जहां वह असमर्थिनीय या अपमानजनक स्थिति में हो या नियम तिरंगे के शुद्धता प्रतिष्ठा और सम्मान को बनाए रखने के लिए है।टूटे हुए या अस्त व्यस्त मंच से झंडा तोलन भारतीय ध्वज की गरिमा को नुकसान पहुंचाने जैसा होता है और इसे राष्ट्रीय ध्वज का उल्लंघन माना जाता है।
टूटे हुए मंच से झंडा तोलन अपराध की श्रेणी में आता है
टूटे मंच से झंडा तोलन अपराध की श्रेणी में माना जाता है क्योंकि यह ध्वज के सम्मान को ठेस पहुंचती है. ऐसे कृत से ध्वज का उचित और सम्मानजनक स्थिति में प्रदर्शन ना होना उसके अपमान को दर्शाता है जिसे दंडनीय अपराध माना जाता है
मुजफ्फरपुर से अशोक कुमार “देशभक्त” की रिपोर्ट
