हाजीपुरः हाजीपुर मुख्यालय में यातायात पुलिस सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है.पुलिस होने के कारण इन पर सरकारी नियमों की अनदेखी करने का आरोप भी वरिये पदाधिकारी द्वारा अनदेखा कर दिया जा रहा है. चुकी जीप सरकारी विभाग की है तो यातायात नियम भंग करने पर इन्हें दंड कौन देगा?
नियम के अनुसार बिना रजिस्ट्रेशन के वहान का प्रयोग सड़क पर वर्जित है
1988 का मोटर वाहन अधिनियम भारत में किसी भी व्यक्ति को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अपंजीकृत कार चलने से रोकता है.यही नियम दो पहिया वाहनों पर भी लागू होता है.वहान का पंजीकरण अधिग्रहण के 7 दिनों के अंदर डीटीओ/ आरटीओ के व्यावसायिक घंटे के दौरान किया जाना चाहिए.
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के धारा 39 वाहन पंजीकरण की आवश्यकता बताई गई है
मोटर अधिनियम 1988 की धारा 39 मोटर वाहन पंजीकरण की आवश्यकता प्रदान करती है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन चलाने की अनुमति नहीं है, और किसी भी मालिक को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन चलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जब तक कि वह पंजीकृत न हो और वाहन के पंजीकरण प्रमाणपत्र को अस्थायी रूप से निलंबित या स्थायी रूप से रद्द न किया गया हो.
पंजीकरण कहां किया जाना चाहिए
1988 के अधिनियम की धारा 40 के तहत, यह प्रावधान किया गया है कि धारा 42, 43 और 60 के प्रावधानों के अनुसार, मोटर वाहन के प्रत्येक मालिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने वाहन को पंजीकृत करे. यह राज्य में किसी भी पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जाना है, जिसका अधिकार क्षेत्र उनके निवास या व्यवसाय के स्थान पर है जहाँ वाहन मुख्य रूप से रखा जाता है.
जिला पदाधिकारी कार्यालय के पास ही यातायात नियंत्रित करती है बिना नंबर प्लेट की गाड़ी
वैशाली यातायात पुलिस की गाड़ी जो बिना नंबर प्लेट के ही सड़कों पर दौड़ती है और यातायात नियमों की जानकारी लोगों को देती है जो व्यक्ति यातायात नियमों का पालन नहीं करती है उन्हें तुरंत चालान द्वारा अर्थ दंड दिया जाता है .भारत के संविधान ने जो शक्तियां बिहार के पुलिस बल को प्रदान की है उनका उपयोग वैशाली यातायात पुलिस पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अनुपालन करती है.
तस्वीर पुरानी है पर कहानी यातायात की है,वैशाली पुलिस द्वारा यातायात के नियम का पालन न करने पर किस तरीके से पुलिस द्वारा किया जा रहा है अमानवीय व्यवहार
वैशाली पुलिस द्वारा यातायात के नियमों के उल्लंघन को लेकर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को देखा जा सकता है.जहां पर बाइक सवार के घर के पास से पुलिस बल द्वारा जबरन मोटरसाइकिल जप्त कर थाने ले जाया जाता है.पुलिस द्वारा पुलिस बल का पाठ भी पढ़ाया जाता है.संविधान द्वारा जो पुलिस को शक्तियां प्राप्त है उनका भी हवाला दिया जाता है और अभद्रता पूर्ण भाषा का प्रयोग किया जाता है. उसके परिवार के सामने उसकी सामाजिक मान- सम्मान को कुचल दिया जाता है, गलती केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करना है.
जिला परिवहन विभाग द्वारा भी नहीं की जा रही है कार्रवाई
पुलिस बल रक्षक होती है गोली का मुकाबला लाठी से भी करती है पर भारत के संविधान में हर व्यक्ती या संस्था को सामान अधिकार दिए गए हैं चाहे वह आम व्यक्ति हो या खास जिस तरह से वैशाली यातायात पुलिस मोटर अधिनियम 1988 के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं.उन पर परिवहन विभाग द्वारा भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है
मानवाधिकार डैक्स