दिल्ली : शिक्षा नीति में लगातार हो रहे बदलाव के कारण अब बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार आयोजन की जाएगी जिसकी घोषणा की गई है। अगले साल यानी 2024 के सत्र से सीबीएसई के तरफ से साल में दो बार बोर्ड की परीक्षा ली जाएगी. जिन में अच्छे नंबर को फाइनल मार्क्स माना जाएगा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने की घोषणा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए कहा है कि अब बोर्ड की परीक्षा का आयोजन अगले सत्र से साल में दो बार किया जाएगा .जिसमें परीक्षार्थी को यह छूट होगी कि वह दोनों सत्रों की परीक्षा में से जिसमें अच्छे अंक आए हैं वही अंक पत्र फाइनल माना जाएगा.
दो बार होगी बोर्ड की परीक्षाएं
बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए यह बहुत ही अच्छी बात है की साल में दो बार बोर्ड की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा और परीक्षार्थियों द्वारा जो अच्छे नंबर अंक पत्र पर अंकित होंगे वही उनका फाइनल नंबर माना जाएगा कम नंबर वाले अंक पत्र स्वत: समाप्त समझ जाएंगे.
बोर्ड की परीक्षा का आयोजन साल में एक बार होता है
बोर्ड की परीक्षा सभी बोर्ड के तरफ से साल में एक बार आयोजित की जाती है. शिक्षा मंत्रालय ने नए पैटर्न पर आधारित बोर्ड की परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को विषय को लेकर समझ और प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियां का मूल्यांकन करेगी.इस पद्धति के तहत क्लास में नकल के प्रचलन से बचा जा सकेगा. इसके अलावा स्कूल बोर्ड उचित समय में ऑन डिमांड परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेगे
केंद्रीय शिक्षा मंत्री मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार
राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा निरीक्षण और एनएसटीसी समिति के संयुक्त कार्यशाला के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है .उन्होंने इसे सरकार को सौंप दिया है .सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दिया है और एनसीईआरटी के तरफ से दो समितियां राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम समिति एनएसटीसी बनाई गई है.
यह दोनों समितियां 21वीं सदी की आवश्यकताओं के आधार पर नए भारत के सोच पर आधारित पाठ्यक्रम को तैयार करेंगे
11वीं और 12वीं क्लास के छात्र-छात्राओं को अब स्ट्रीम चुन्नी की बाध्यता समाप्त
शिक्षा मंत्रालय की ओर से किए गए बदलाव में क्लास 11 और क्लास 12 के छात्र-छात्राओं को अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को हटा दिया गया है .अब छात्र-छात्राओं को इन क्लासों में अपने पसंद के विषय के चयन की छूट दी गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा. 11वीं और 12वीं में कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए .2024 में नए सिलेबस विकसित किए जाएंगे फिलहाल की स्थिति में सभी बोर्डो के अनुसार स्टूडेंट साइंस ,कॉमर्स ,आर्ट्स, वोकेशनल इत्यादि में किसी एक विषय का चयन कर सकेंगे.