नई दिल्ली: महिला के नशे का फायदा उसके पुरुष मित्र नहीं उठा सकते, साकेत कोर्ट।अपने एक फैसले में कहा है कि अगर महिला नशे में है तो उसकी स्थिति का फायदा उठाने का लाइसेंस वह किसी भी पुरुष को नहीं देती.
कोर्ट ने सुनाया फैसला, आईपीसी की धारा की धारा 354 और 323 के तहत पाया दोषी
पहले हम आपको बताते हैं कि आईपीसी की धारा 354 क्या है ।धारा 354 के तहत किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने की इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना. और धारा 323 स्वेच्छा से चोट पहुंचाना.
पूर्व में कोर्ट द्वारा दिए गए फैसला के खिलाफ आरोपी व्यक्ति ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में अपील दायर की थी इस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील गुप्ता ने अपने रिपोर्ट मे कहा की अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया कि आरोपित ने शिकायतकर्ता के खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया है .पीड़िता को नशे की हालत में थप्पड़ मार कर उसे चोट पहुंचाई है.
मामला 2019 का है जिसमें आरोपित संदीप गुप्ता नाम का व्यक्ति महिला को नशे की हालत में थप्पड़ मार कर उसके साथ अश्लील हरकत करने की कोशिश की थी.
कोर्ट ने कहा कि एक महिला का नशे में होना उसके पुरुष मित्र को अनुचित लाभ उठाने का लाइसेंस नहीं देता.
हम एक आंकड़े पर नजर डाले
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण( एनएफएस) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 22% पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं.
इसके अलावा 15 से 49 वर्ष आयुवर्ग के 39% पुरुष और 4% महिलाएं किसी न किसी प्रकार के तंबाकू का सेवन करती हैं .रिपोर्ट के मुताबिक शराब पीने वाली महिलाओं में 17% लगभग रोज शराब पीती हैं ,जबकि 37% सप्ताह में एक बार शराब का सेवन करती है.
शराब पीने वाले पुरुषों की बात करें तो 15% पुरुष रोजाना शराब पीते हैं .43% लोग हफ्ते में एक बार पीते हैं . 42% लोग हफ्ते में एक बार से कम शराब का सेवन करते हैं .