पटना- सोमवार के दिन पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले को देखकर बिहार पुलिस द्वारा एंबुलेंस को रोक दिया गया । जबकि एंबुलेंस में गंभीर रूप से पीड़ित मरीज था ।उसके परिवार वाले रोते बिलखते रहे पर बिहार पुलिस एक नहीं सुनी और काफिले जब तक निकल नहीं गया तब तक सारे वाहनों सहित एंबुलेंस को भी साइड में रोक दिया गया।
यहां गलती किसी की भी हो पर उस गलती के कारण किसी सीरियस मरीज कि जान भी जा सकती है। किसी मरीज के लिए एंबुलेंस सेवा इसलिए ली जाती है ताकि वह सही समय पर अस्पताल में दाखिला ले इलाज करवा सके।अगर समय पर ही इलाज नहीं हुआ तो मरीज की जान भी जा सकती है ।
सूत्रों के अनुसार मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल जाने के लिए वरिय पदाधिकारी से लगाते रहे गुहार पर पुलिस एक ना सुनी
अगर सूत्रों की माने तो एंबुलेंस में बैठे उनके परिजनों द्वारा लगातार वरिय पदाधिकारी से अस्पताल अपने मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस को जाने देने का गुहार लगाया गया ।प्रोटोकॉल के कारण पदाधिकारी ने उसकी एक न सुनी और जब तक काफिला गुजर ना गया उसे वही इंतजार करना पड़ा। यहां मानवता से बड़ा रहा प्रोटोकॉल।
हम आपको एक और तस्वीर दिखाते हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना काफिला रोककर एम्बुलेंस को जाने दिया
यह तस्वीर पुरानी है पर मानवता का इससे अच्छा उदाहरण कहीं देखने को नहीं मिलेगा अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद से गांधीनगर जा रहे थे तो उन्होंने अपना काफिला एंबुलेंस की आवाज सुनकर रुकवा दिया। एंबुलेंस को आगे जाने दिया।