बिहार – बिहार में जिस तरह से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है उससे मानो बिहार का लॉ एंड ऑर्डर कहीं न कहीं बैकफुट पर है। अपराधी अब हत्या करने से बाज नहीं आ रहे हैं ।लूट ,हत्या इस राज्य की अब आम घटना हो गई है। पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनी देख रही है।
अररिया में एक दैनिक अखबार के पत्रकार के घर में घुसकर अपराधियों ने गोली मारकर की हत्या
अररिया जिले के दैनिक अखबार में कार्यरत पत्रकार विमल कुमार को हत्यारों ने उन्हीं के घर में घुसकर गोली मारी, जिससे उनकी मौत घटनास्थल पर हो गई।
गोली मार कर अपराधी हुए फरार, लोगों की लगी भीड़
आनन-फानन में अपराधियों ने पत्रकार को गोली मारकर फरार हो गए। इस घटना की सूचना जैसे ही आसपास के इलाकों में फैली लोगों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंच गई ।पुलिस को जब इसकी सूचना लगी तो मौके पर पुलिस भी पहुंची और उसने शव को पोस्टमार्टम के लिए वहां के अस्पताल में भेज दिया।
पुलिस जांच में जुटी,परिजनों ने लगाया सुपौल जेल में बंद रूपेश पर हत्या आरोप
परिजनों ने पुलिस को बताया कि सुपौल जेल में बंद रुपेश ने ही रची है, हत्या की साजिश। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी है। चुकी पत्रकार विमल भाई की हत्या का मुख्य गवाह था। परिजनों का कहना है कि 4 साल पहले अप्रैल के महीने में 2019 में विमल के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी ।गब्बू यादव उस समय बेलसरा पंचायत के सरपंच थे ।
पत्रकार विमल इस हत्याकांड का आईविटनेस था
परिजनों ने पुलिस को बताया कि अपने भाई के मर्डर केस का पत्रकार विमल ही आईविटनेस था ।परिजनों का आरोप है जिसने उसके भाई गब्बू यादव की हत्या कराई है ,उसने ही पत्रकार विमल की सुपारी दी है।
भाई का कैसे स्पीड ट्रायल से चल रहा था
परिजनों ने बताया कि उसके भाई सरपंच गब्बू का केस स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कोर्ट में चल रहा है। जिसमें विमल की मुख्य गवाही होनी थी । अचानक उसके घर में घुसकर उसी की हत्या कर दी जाती है। गब्बू के हत्यारे को डर था कि कहीं विमल की गवाही के बाद उसे उम्र कैद की सजा ना हो जाए ।इसीलिए उसने अपने बचाव के लिए सुपारी देकर पत्रकार विमल की हत्या कर दी।