पाकिस्तान विश्व के नक्शे पर यह कैसा देश है जहां पर अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे खोखली हो रही है.धार्मिक कट्टरता के कारण विकास की रफ्तार आज अन्य देशों के मुकाबले पाकिस्तान की काफी धीमी है.जहां भारत आज चांद पर वहां पाकिस्तान आज अपनी बदहाली पर खुद रो रहा है.
पाकिस्तानी प्रथा जहां मुस्लिम महिला को जबरन कराई जाती है कुरान से शादी
देश कोई भी हो पर मनुष्य एक है.सरहद की दीवारें और वहां की प्रथम किसी भी मनुष्य को चाहे वह औरत हो या पुरुष उसके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता है .
पाकिस्तान में एक प्रथा जो महिलाओं के अधिकारों को छिनती है, और उन्हें गुलाम जैसी जिंदगी जीने पर मजबूर करती है .पाकिस्तान में मुस्लिम महिलाओं की शादी (Marriage with Quran)जबरन मुसलमान के धार्मिक ग्रंथ कुरान(Women marry to Quran)से करा दी जाती है. इसके बाद उन्हें जीवन भर किसी और से बिना शादी किए ही रहना पड़ता है. यह पाकिस्तान का ऐसा चौंकाने वाला सच है जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे.
रिपोर्ट के माने तो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सय्यद या सईद(Sayyid or Syed) जाति के मुसलमान में यह प्रथा चली आ रही है जिसके तहत वह कुरान से अपनी बेटियों बहनों की शादी करवा रहे हैं इस प्रथा का नाम हक बख्शीश(Haq Bakshish) माना जाता है. सैयद समुदाय के लोग अपनी जाति के बाहर शादी नहीं करते इस वजह से उन्हें घर की लड़कियों के लिए उपयुक्त लड़का नहीं मिलता है तो वह उसकी शादी कुरान जैसे पवित्र धार्मिक ग्रंथ से कर देते हैं.
यह प्रथा पाकिस्तान में प्रतिबंधित है मगर सिंथ पाकिस्तान और आसपास के कुछ इलाकों में देखने को मिलती है.
पाकिस्तानी कानून के अनुसार हक बख्शीश पाकिस्तान देश में एक बैन की हुई मान्यता है कानून की नजरो में इसकी कोई जगह नहीं है. इसके बावजूद सिंध पाकिस्तान के लोग इसका पालन करते हैं .Asharq-Al-Awsat नाम के अखबार की 2007 के रिपोर्ट के मुताबिक सिंध पाकिस्तान और आसपास के प्रांतो में इस तरह की 10000 से ज्यादा औरत हैं जिन्हें”ब्राइड ऑफ कुरान”का दर्जा दिया जाता है.
न्यूज वेबसाइट डी डब्लू ने साल 2022 में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक महिला का वीडियो भी पोस्ट किया था. जिसकी शादी कुरान से की गई थी .उस वीडियो में महिला ने बताया था कि इस शादी के दिन किसी तरह का कोई जश्न नहीं मनाया गया था .बल्कि उसके पिता ने उसके हाथ पर लाकर पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान रख दी थी और उन्होंने कहा था कि कुरान पर हाथ रखकर शपथ लो की दोबारा वह किसी और से शादी करने के बारे में नहीं सोचेगी .कुछ विद्वानों का कहना है इस तरह की प्रथा के द्वारा संपत्ति उन्हीं के पास केंद्रित रह जाती है पर उन औरतों की जिंदगी गुलामो की तरह हो जाती है .