सीरिया मामले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख का बयान, हज़ारों परिवार अपने लापता सम्बन्धियों की मौजूदगी और उनके भाग्य के बारे में अन्धकार में अटके हुए हैं
“पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बन्दीकरण के दौरान यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है जिनमें 11 वर्ष तक की उम्र के लड़के भी हैं.”

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने शुक्रवार को यूएन महासभा को बताया है कि सीरिया में 12 वें वर्ष में दाख़िल हो चुकी लड़ाई में, हज़ारों परिवार अपने लापता सम्बन्धियों की मौजूदगी और उनके भाग्य के बारे में “अन्धकार में अटके हुए हैं”.
उन्होंने कहा, “अक्सर ये सभी मामले व्यापक दायरे वाले मानवाधिकार हनन और दुर्व्यवहार से सम्बन्धित हैं.”
“पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बन्दीकरण के दौरान यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है जिनमें 11 वर्ष तक की उम्र के लड़के भी हैं.”
मिशेल बाशेलेट ने कहा, “ये तात्कालिक रूप से बहुत ज़रूरी है कि इन परिवारों को अपने प्रियजनों के पते-ठिकाने और उनके भाग्य के बारे में जानकारी दी जाए, और उन्हें इन प्रियजनों से मिलने व उनके साथ सम्पर्क करने की इजाज़त दी जाए.”
इसके अलावे महिलाओं के बारे में मिशेल बाशेलेट ने कहा, “बहुत सी महिलाएँ बिल्कुल बुनियादी आजीविका का प्रबन्ध करने में भी असमर्थ हैं, उन्हें उनकी सम्पत्ति, सिविल दस्तावेज़ों, बैंक खातों; या फिर मौजूदा भेदभावपूर्ण क़ानूनों और परम्पराओं के कारण विरासत तक भी पहुँच हासिल नहीं है.”