बारूदी सुरंगों का अभिशाप सदैव के लिये ख़त्म करना होगा: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि 160 से ज़्यादा देशों ने बारूदी सुरंगों को प्रतिबन्धित करने वाले ऐतिहासिक कन्वेन्शन पर दस्तख़त किये हैं

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि 160 से ज़्यादा देशों ने बारूदी सुरंगों को प्रतिबन्धित करने वाले ऐतिहासिक कन्वेन्शन पर दस्तख़त किये हैं मगर लोगों को इन अभिशापीय हथियारों से बचाने के लिये और ज़्यादा कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “बारूदी सुरंगें, युद्ध में बचे हुए विस्फोटक अवशेष और संवर्धित विस्फोटक उपकरण अब भी हर साल हज़ारों लोगों की जान ले लेते हैं, जिनमें बहुत से बच्चे भी होते हैं.”
यूएन महासचिव ने याद दिलाते हुए कहा कि 30 वर्ष पहले कार्यकर्ताओं ने तमाम बारूदी सुरंगों पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय अभियान शुरू किया था, और पाँच वर्ष के भीतर बारूदी सुरंग प्रतिबन्ध कन्वेन्शन हस्ताक्षरों के लिये खोल दी गई थी. तब से अब तक साढ़े पाँच करोड़ से ज़्यादा बारूदी सुरंगें नष्ट कर दी गई हैं, और दुनिया भर में 30 से ज़्यादा देश इनसे मुक्त घोषित कर दिये गए हैं. जबकि इनसे हताहत होने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है. उन्होंने कहा, “मगर दुनिया अब भी बारूदी सुरंगों के भण्डार के अभिशाप से त्रस्त है और 50 से ज़्यादा देश इन अभिशापीय हथियारों की मौजूदगी से संक्रमित हैं.”
एंतोनियो गुटेरेश ने बारूदी सुरंगों के बारे में जाकरूकता व कार्रवाई में सहायता के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर सन्देश में दुनिया के सभी देशों से, 1997 में हुई इस सन्धि में शामिल होने का आग्रह किया. ये दिवस हर वर्ष 4 अप्रैल को मनाया जाता है.