मानवाधिकार के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान, भारत भी अमेरिका में मानवाधिकारों के हनन से चिंतित
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत भी अमेरिका में मानवाधिकारों के हनन से चिंतित है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत भी अमेरिका में मानवाधिकारों के हनन से चिंतित है. ऐसे मामले जब वे खासकर भारतीय समुदाय से संबंधित होते हैं और वास्तव में कल (मंगलवार) हमारे पास एक मामला (न्यूयार्क में दो सिखों पर हमले का) था.
दरअसल, टू प्लस टू वार्ता के बाद सोमवार रात संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत में हो रहे कुछ हालिया चिंताजनक घटनाक्रम पर नजर बनाए है जिनमें कुछ सरकारी, पुलिस और जेल अधिकारियों की मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती हुई घटनाएं शामिल हैं. अमेरिकी यात्रा की समाप्ति पर पत्रकारों से बातचीत में जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि टू प्लस टू बैठक में दोनों देशों के बीच मानवाधिकार के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. यह बैठक मुख्य रूप से राजनीतिक और सैन्य मामलों पर केंद्रित थी. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि अतीत में इस पर चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा, ‘यह विषय तब सामने आया था, जब विदेश मंत्री ब्लिंकन भारत आए थे. मुझे लगता है कि अगर आप उसके बाद की प्रेस वार्ता को याद करे तो मैं इस तथ्य को लेकर बेहद मुखर था कि हमने इस मुद्दे पर चर्चा की और मुझे जो कहना था वह कहा. विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘लोगों को हमारे बारे में दृष्टिकोण रखने का अधिकार है. लेकिन हमें भी समान रूप से उनके दृष्टिकोण के बारे में, हितों के बारे में, लाबियों के बारे में और वोट बैंक के बारे में अपना दृष्टिकोण रखने का हक है. इसलिए जब भी चर्चा होगी, मैं कह सकता हूं कि हम बोलने से पीछे नहीं हटेंगे.’