संसद में गृह मंत्री अमित शाह का बयान, मानव अधिकार की बात करने वालों को रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में भी सोचना चाहिए

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मानव अधिकार की बात करने वालों को रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में भी सोचना चाहिए.

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मानव अधिकार की बात करने वालों को रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में भी सोचना चाहिए. दरअसल, गृह मंत्री आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पर संसद में चर्चा कर रहे थे.
गृह मंत्री ने कहा कि मानवाधिकारों की चिंता करने वाले विपक्षी सदस्यों को अपराधियों द्वारा टारगेट किए गए लोगों के मानवाधिकारों पर भी चिंता जाहिर करनी चाहिए.
अमित शाह ने कहा, ‘मानवाधिकारों का हवाला देने वालों को भी रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में सोचना चाहिए. वे (विपक्ष) केवल बलात्कारियों और लुटेरों की चिंता करते हैं. लेकिन केंद्र सरकार कानून का पालन करने वाले नागरिकों के मानवाधिकारों की चिंता करती है.’ उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक कानून का पालन करने वाले करोड़ों नागरिकों के मानवाधिकारों के रक्षा करेगा.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगली पीढ़ी के अपराधों को पुरानी तकनीकों से नहीं निपटा जा सकता है. हमें आपराधिक न्याय प्रणाली को अगले युग में ले जाने की कोशिश करनी होगी. यह कहते हुए कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति में शामिल नहीं है, शाह ने कहा कि आतंकवाद निरोधक अधिनियम राष्ट्रीय हित में एक कानून था, जिसे ‘तुष्टिकरण’ के लिए निरस्त किया गया.

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