एससी/एसटी के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण खत्म होने से पैदा हो सकता है असंतोष: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में मिलने वाला आरक्षण खत्म करने से असंतोष पैदा हो सकता है

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में मिलने वाला आरक्षण खत्म करने से असंतोष पैदा हो सकता है और इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की जा सकती हैं .न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में केंद्र ने बताया कि आरक्षण की नीति संविधान और इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुरूप है.

 

केंद्र ने अपनी नीति का बचाव करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है और तर्क दिया कि आरक्षण प्रदान करने से प्रशासनिक व्यवस्था बाधित नहीं होती. सरकार ने कहा है कि वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट प्रणाली के माध्यम से प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित की जाती है, जिसमें प्रत्येक अधिकारी के कार्य, व्यक्तिगत विशेषताओं और कार्यात्मक क्षमता का आकलन किया जाता है.

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