राजस्थान की महिला डॉक्टर की मौत के बाद आक्रोश, हाजीपुर में सभी ओपीडी एवं नर्सिंग होम पूरी तरह रहे बंद
इसी कड़ी में आज हाजीपुर के सभी क्लीनिक एवं नर्सिंग होम बंद रहे.

कुछ दिनों पहले राजस्थान के दौसा जिले में एक महिला डॉक्टर ने खुदकुशी कर अपनी जान दे दी थी. बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में महिला डाक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ पुलिस ने धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था. इसी से परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी कर ली. महिला डॉक्टर की खुदकुशी के बाद राजस्थान के अलावा दिल्ली के डाक्टरों ने भी विरोध जताया है. देशभर से डॉक्टर विरोध जता रहे हैं.
इसी कड़ी में आज हाजीपुर के सभी क्लीनिक एवं नर्सिंग होम बंद रहे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, फिजियोथेरेपी एसोसिएशन एवं अन्य सभी चिकित्सकों ने बंद को सफल कराने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. आज शाम डॉक्टर ओपी चौरसिया की अध्यक्षता में चिकित्सकों की एक बैठक हुई बैठक के उपरांत चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी वैशाली को ज्ञापन सौंपा. चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल में डॉ सर्वेश्वर कुमार, डॉ राजेश कुमार एवं कई वरीय चिकित्सक शामिल रहे. ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र के माध्यम से यह मांग रखी गई है कि डॉ अर्चना शर्मा के केस में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध अति शीघ्र कार्रवाई हो. डॉ अर्चना शर्मा के परिवार को उचित मुआवजा मिले. आईपीसी की धाराओं में परिवर्तन लाया जाए और चिकित्सकों के विरुद्ध प्रताड़ित किए जाने वाले धाराओं को वापस लिया जाए. चिकित्सकों के हित की रक्षा हेतु विशेष नियम बनाया जाए.
आज की बैठक में डॉक्टर सर्वेश्वर कुमार, डॉक्टर हरिप्रसाद ,डॉ रवि प्रकाश, डॉ राजेश कुमार, डॉ एके राय, डॉ एसके विद्यार्थी, डॉक्टर नीलमणि ,डॉक्टर सुचिता चौधरी, डॉक्टर मीरा सिंह डॉक्टर गुड़िया कुमारी, डॉ रंजन डॉ ठाकुर मुकेश सिंह चौहान , डॉ क्रांति कुमार एवं अन्य कई चिकित्सक उपस्थित थे.
बैठक की जानकारी देते हुए डॉ एसके विद्यार्थी ने बताया कि हाजीपुर के सभी चिकित्सक गण अपने विरुद्ध होने वाले असामाजिक लोगों द्वारा गलत घटनाओं एवं पुलिस प्रशासन द्वारा भी प्रताड़ित किए जाने की किसी भी घटना का विरोध करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाएंगे.