किफायती आवास में MoHUA की रचनात्मक पहल, झारखंड से हुआ रचना कार्यक्रम का आगाज
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर में 75 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का होगा आयोजन

– भविष्य के जरूरतों को देखते हुए MoHUA की पहल, नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए एकदिवसीय कार्यशाला “रचना” का आयोजन
– राजधानी रांची से “रचना” कार्यक्रम का आगाज, अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियां
रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के अलग-अलग प्रदेशों में चल रहे किफायती आवासों के निर्माण में नवीनतम तकनीक का उपयोग, थर्मल कम्फर्ट को शामिल करने एवं जलवायु परिवर्तन को कम करने हेतु केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), भारत सरकार, नगरीय प्रशासन निदेशालय, झारखण्ड सरकार व GIZ के संयुक्त तत्वावधान में रचना नामक एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज किया गया। इसकी शुरुआत झारखंड की राजधानी रांची से हुई है। जिसके तहत गुरूवार को ‘Innovative Construction Technologies & Thermal Comfort for Affortable Housing’ विषय पर रांची स्मार्ट सिटी आडिटोरिएम, जुपमी बिल्डिंग में राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ऑफलाइन एवं ऑनलाइन सैकड़ों हितग्राहियों ने हिस्सा लिया। आनेवाले दिनों में देशभर में इस तरह के 75 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
स्वागत भाषण के दौरान शैलेश प्रियदर्शी, सहायक निदेशक, नगर प्रशासन निदेशालय (डीएमए), झारखंड ने राज्य से भवन और निर्माण क्षेत्र के हितधारकों की क्षमता निर्माण के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक राजेश कुमार पाठक, नगर विकास एवं आवास विभाग के मुख्य टाउन प्लानर गजानंद राम एवं हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख अजित कुमार ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर डीएमए से सहायक निदेशक शैलेश प्रियदर्शी एवं श्री योगेन्द्र प्रसाद, PMAY(U) कोषांग के सभी राज्य स्तरीय विशेषज्ञ सहित डीएमए के समस्त अधिकारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के मुख्य प्रतिभागी के रूप में टाउन प्लानर्स, आर्किटेक्ट, बिल्डर्स, इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स एवं प्रोफेसर, जूडको एवं रांची नगर निगम के अभियंता, स्मार्ट सिटी के अभियंता एवं आवास निर्माण के क्षेत्र से जुड़े काफी संख्या में विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में थर्मल कंफर्ट से संबंधित विभिन्न पहलुओं, भौतिक प्रभाव, कम लागत वाले समाधान शामिल हैं, जो भारत में जलवायु-स्मार्ट बिल्डिंग बनाने के लिए उपलब्ध हैं। प्रशिक्षण का उददेश्य किफायती आवास क्षेत्र में हितधारकों को थर्मल कंफर्ट की आवश्यकता से अवगत कराना एवं आगामी परियोजनाओं में कम लागत वाली रणनीतियों पर चर्चा करना शामिल था।
कार्यक्रम में BMTPC के डिप्टी चीफ सीएन झा ने रांची में निर्माणाधीन लाइट हाउस प्रोजेक्ट की तकनिकी विशेषताओं, Precast Concrete Construction System–3D Volumetric के बारे विस्तारपूर्वक बारे में बताया। साथ ही उन्होंने भविष्य में बढती शहरी जनसंख्या को देखते हुए इस तरह की परियोजनाओं के व्यापक कार्यान्वन पर जोर दिया है।
एस. विकास रंजन, प्रोग्राम हेड जीआईजेड ने देश में क्लाइमेट स्मार्ट बिल्डिंग्स (सीएसबी) और इसके अनुप्रयोगों के महत्व पर प्रकाश डाला और यह बताया कि यह नए तकनीक का उपयोग करने का लक्ष्य एक सही कदम है। साथ ही कहा कि इन घरों का निर्माण और संचालन अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके किया जाएगा और अपनाया जाएगा।
कार्यक्रम में किफ़ायती आवासों के निर्माण और संचालन में अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम करना एवं निर्मित आवासों में दैनिक जीवन के आयामों को थर्मल कंफर्ट को बढ़ावा देने से संबंधित विभिन पहलुओं पर ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के मास्टर ट्रेनर सैबाल साहा एवं कुमार विप्लव ने विस्तारपूर्वक प्रस्तुति दी।