बजट सत्र : सीएम ने कहा झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग में हिंदी पहले से ही है, इसे ऑप्शनल रखने का औचित्य नहीं

रांची : सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग में इंटर और मैट्रिक स्तर तक क़ी नियुक्ति में हिंदी पहले से ही है। इसे आप्शनल रखने का कोई औचित्य नहीं है। पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी में पास होना अनिवार्य है। अभी तो स्थानीय भाषा को जोड़ने पर काम हो रहा है। वे भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता के सवाल का जवाब दे रहे थे। मेहता ने पूछा था कि राज्य के हिंदी भाषी छात्र जानना चाहते हैं कि क्या सरकार उनके लिए कुछ सोच रही है। प्रश्नकाल में सुदेश महतो ने विस्थापन और शशिभूषण मेहता ने हिंदी को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग से हटाने का मुद्दा उठाया। सुदेश महतो ने सदन में सवाल किया कि राज्य सरकार ने विस्थापितों के लिए पुनर्वास आयोग गठन का वादा किया थ, लेकिन आज चतरा, टंडवा, लातेहार में विस्थपित लोग सड़क पर है। इसपर हेमंत सोरेन ने कहा कि विस्थापन राज्य की एक बड़ी समस्या है। यह 2000 से नहीं, बल्कि कई दशकों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार समस्या का समाधान निकलेगी। मामला सरकार के पास विचाराधीन है। सरकार जल्द ही इसपर फैसला लेगी।

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