दुमका के पहले सांसद के बेटे की मौत, बहन ने लगाए कई आरोप

डॉक्टर ने कहा संभवत: ब्रेन हेमरेज से मौत हुई है

दुमका : दुमका के पहले सांसद स्वर्गीय बटेश्वर हेम्ब्रम के पुत्र ब्रहमदेव हेम्ब्रम (44) की मंगलवार को मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद मृतक की बहन सुशीला हेम्ब्रम ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखा है। उसमें डाक्टर पर लापरवाही और लैब तकनीशियन पर जल्द जांच के नाम पर 13 सौ रुपए लेने का आरोप लगाया है। कार्रवाई की मांग की है। बहन के आग्रह पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नही कराया। मृतक सरैयाहाट का रहने वाला और दो बच्चों का पिता था। बहन ने बताया कि 24 फरवरी को भाई कड़हरबील स्थित आवास आया। कहा कि रेलवे ने उसकी जमीन ली है। इसके मुआवजे के लिए दो-तीन यहां रूकेगा। अगले दिन शाम को बाहर से घूमकर आया और उल्टी करने लगा। दवा देने के बाद ठीक हो गया। 28 फरवरी की शाम को काम से लौटी तो भाई सो रहा था। जगाया तो कहा कि तबीयत ठीक नहीं है। अचानक बेहोश होने के बाद शाम सात बजे अस्पताल लेकर आई। यहां पर जांच के लिए सीटी स्कैन की सलाह दी गई। बहन के मुताबिक रात को लैब तकनीशियन प्रवीण कुमार ने जांच नहीं की। पहले आधार कार्ड लाने को कहा। फोटो कॉपी लेने से मना कर दिया, जबकि डाक्टर का कहना था कि सीटी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद ही इलाज संभव है। मंगलवार की सुबह तबीयत और खराब हो गई। लैब तकनीनिशयन ने कहा कि सरकारी रिपोर्ट आने में देर होगी। जल्दी जांच कराने लिए 13 सौ रुपए देना होगा। रुपए लेने के बाद भी जांच नहीं की। सुबह दस बजे भाई की मौत हो गई।

बहन ने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर ने सिर्फ स्लाइन देकर पल्ला झाड़ लिया। अगर रेफर कर देते तो शायद भाई की जान बच जाती। डॉक्टर ने कहा कि संभवत: ब्रेन हेमरेज से मौत हुई है। यहां पर इस बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं है। रेफर नहीं करने के बारे में सवाल करने पर चुप्पी साध ली।

बहन ने बताया कि पहले यह सोचकर परिचय नहीं दिया कि डाक्टर इलाज कर देंगे। जब हालत खराब होने लगी, तब सांसद की बेटी के रूप में परिचय दिया। इसके बाद महकमा दौडऩे लगा। जब तक डाक्टर कुछ कर पाते तो उससे पहले भाई की मौत हो गई। भाई की मौत के बहन और उसके स्वजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। बहन इसके लिए आवेदन लेकर नगर थाना गई तो वहां यह कहकर वापस भेज दिया गया कि पहले सरैयाहाट थाना की पुलिस से लिखवाकर दो। इसके बाद बहन ने एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी से बात कर सारी बात बताई तो नगर थाना की पुलिस ने अस्पताल जाकर पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए आवेदन लिया। ब्रहमदेव पहले शहर में खादो ग्रामोद्योग में गार्ड के रूप में काम करता था। दो साल पहले लाकडाउन की वजह से नौकरी छूट जाने के बाद खेती-बाड़ी करने लगा। बहन ने बताया कि उसके तीन भाई और तीन बहनें थीं। दो भाई की पहले और तीसरे की मौत हो गई। सभी बहन जीवित है। दिसंबर माह में मां सुरजमुनि की भी बीमारी से मौत हो गई थी। मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल के अधीक्षक डॉ रवींद्र कुमार ने कहा कि इलाज में लापरवाही नहीं बरती गई है। जांच के नाम पर पैसा लेने की बात सही है। तकनीशियन पर कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी के बाद एक्शन लिया जाएगा।

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