अध्यक्ष सेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रांची में महिला कर्मियों को प्रेरित किया
धीरे-धीरे महिलाएं खुद को सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी साबित कर रही हैं

रांची : सेल की रांची इकाइयों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के दौरान सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल की गरिमामय उपस्थिति ने सेल कर्मियों को काफी प्रेरित किया। उन्होंने सेल एमटीआई से एक ऑनलाइन मंच के माध्यम से सभी सेल इकाईयों को संबोधित किया। इस अवसर पर सेल के कार्यकारी निदेशक, विभिन्न सेल प्लांट के निदेशक प्रभारी, कार्यपालक निदेशक और सेल के अन्य वरिष्ठ अफसर भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने इस प्रचलित धारणा का खंडन किया कि महिलाएं निर्माण क्षेत्र में पुरुषों के समकक्ष नहीं पहुंच सकतीं। आज इंडियन आयल और इजीनियर्स इंडिया जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आज धीरे-धीरे महिलाएं खुद को सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी साबित कर रही हैं, क्योंकि जूझने की शक्ति एक शारीरिक से अधिक मानसिक संकाय है। उन्होंने सेल की महिला अधिकारियों को प्लांट प्रमुख बनने की इच्छा रखने और इस तरह मौजूदा धारणा को ध्वस्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। एचएन राय, निदेशक तकनीकी, परियोजना और कच्चा माल ने कड़ी मेहनत से भरे ब्लास्ट फर्नेस के रख-रखाव क्षेत्र में महिला अभियंताओं एवं उनकी दक्षता का सटीक उदाहरण दिया। अनिर्बान दासगुप्ता, निदेशक प्रभारी भिलाई स्टील प्लांट ने सभी को याद दिलाया कि प्राचीन वैदिक भारत में और आज भी जनजातीय क्षेत्रों में लैंगिक समानता हमेशा से थी और इसलिए हमें केवल इसे फिर से खोजना होगा। अमरेंदु प्रकाश, निदेशक प्रभारी बोकारो और दुर्गापुर-बर्नपुर इस्पात संयंत्रों ने कहा कि लैंगिक समानता न केवल आज विद्यमान है, बल्कि कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में तो महिलाएं पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं। वीएस. चक्रवर्ती निदेशक वाणिज्यिक ने स्वीकार किया कि महिलाओं ने पहले से ही इस असमान दुनिया में बहुत कुछ हासिल कर लिया है और प्रकृति ने महिलाओं को पर्यावरण की देखभाल करने के लिए पुरुषों से अधिक गुण प्रदान किए हैं। अतनु भौमिक निदेशक प्रभारी राउरकेला ने सेल में लैंगिक समानता की पुष्टि इस तथ्य से की कि सेल में अधिकांश धमन भट्ठियों का नाम महिलाओं पर रखा गया है। सेल के सीवीओ विनीत पांडे ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यक्त किया कि सतत विकास के लिए लैंगिक समानता आवश्यक है। अपने स्वागत भाषण में ईडी (एचआरडी) डॉ. कामाक्षी रमन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महिलाएं बेहतर स्थिति में हैं। सुश्री पी. माला हेमरोम मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) ने वोट ऑफ थैंक्स का प्रस्ताव रखा और सुश्री डेज़ी हेमरोम, फैकल्टी एमटीआई कार्यक्रम समन्वयक थीं। वृक्षारोपण के अन्य कार्यक्रम, महिला कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों के खेल भी आयोजित किए गए।