रामनवमी जुलूस पर सांसद और विधायक आमने-सामने

सांसद जयंत सिन्हा, हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल के सुर अलग-अलग

रांची : रामनवमी जुलूस पर सांसद और विधायक आमने-सामने हो गए हैं। यह मतभेद खुलकर सामने आ गया है। इस मसले पर हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल के सुर अलग-अलग हैं। सांसद ने जहां रामनवमी जुलूस के आयोजन को लेकर झारखंड सरकार के फैसले को लेकर खुशी व्यक्त की है, वहीं विधायक इसकी आलोचना करते नजर आ रहे हैं। हजारीबाग में रामनवमी जुलूस निकालने के आदेश के साथ कुछ सख्त नियम भी लागू किए गए हैं। सरकार के इस नियम से जहां विधायक मनीष जायसवाल नाराज हैं, वहीं जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर सरकार के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा है कि साथियों यह बेहद खुशी की बात है कि रामनवमी पर शोभायात्रा व जुलूस निकालने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत थे। मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया था। जनहित के लिए हमेशा प्रयास प्रयास जारी रहेंगे। इस वर्ष उत्साह और भव्यता से रामनवमी मनाई जाएगी।

जयंत सिन्हा के पोस्ट से विधायक नाराज

विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग की रामनवमी जुलूस परंपरागत तरीके से गाजे-बाजे, ढोल-ताशे के साथ निर्बाध रूप से 48 घंटे तक सड़क पर रहती है, लेकिन आदेश में शाम 6 बजे के बाद जुलूस पर रोक लगाया जाना और डीजे सहित म्यूजिक पर पाबंदी लगाना जुलूस की परंपरा को नेस्तनाबूद करने की नापाक कोशिश करने जैसा ही है। विधायक जायसवाल ने कहा कि हम पुनः आदेश निकालने वाले अधिकारी से लेकर सुबे के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें हजारीबाग के राम भक्तों की भावना से अवगत कराएंगे और पारंपरिक तरीके से रामनवमी जुलूस निकालने के आदेश की मांग करेंगे और अगर इसपर सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

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