42 हजार शिक्षकों को टैब उपलब्ध कराया जाएगा, नागरिक सुविधाएं भी

इसपर 45 करोड़ व्यय का प्रस्ताव सरकार ने रखा है

रांची : झारखंड सरकार के बजट में 42 हजार शिक्षकों को टैब उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। इसके आलावा बजट में नागरिक सुविधाओं की भी बात कही गई। पंचायतों को ज्यादा लोकोन्मुखी बनाने एवं ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पंचायत भवन में क्रियाशील सीएससी को सुदृढ़ किया जाएगा। इसपर 45 करोड़ व्यय का प्रस्ताव सरकार ने रखा है। ग्राम पंचायत का ज्ञान केन्द्र के रूप में विकसित करने तथा ग्रामीणों को पढ़ने का स्थान उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ पंचायत ज्ञान केन्द्र की स्थापना की जाए। इसपर 21 करोड़ का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंचायती राज के लिए 2 हजार 15 करोड़ 47 लाख रुपए 11547 करोड़ रुपए बजट प्रस्तावित है।

किस मद में कितना खर्च करेगी हेमंत सोरेन सरकार 

वर्ष 22-23 में राजस्व व्यय के लिए 76273 करोड़ 30 लाख रुपए का प्रस्ताव। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष बजट में 11 प्रतिशत की वृद्धि। स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा एवं खाद्यान्न वितरण जैसे सामाजिक क्षेत्र पर बल देते हुए स्वास्थ्य में 27 प्रतिशत, पेयजल में 20 प्रतिशत तथा शिक्षा में 6.5 प्रतिशत तथा खाद्यान्न वितरण में 21 प्रतिशत की वृद्धि।

जानिए बजट में शामिल अहम घोषणाएं

ट्रैफिक जाम से मुक्ति के लिए रांची में 2 फ्लाईओवर, ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण कार्य आरंभ

रांची में ही एक कॉम्प्रीहेंशन मोबिलिटी प्लान का हो रहा निर्माण।

रांची के सौंदर्यीकरण का हो रहा काम, पुराने बाज़ारों व आवासीय कॉलोनी पर भी कार्य योजना भी होगा प्रारंभ।

2022-23 में रांची, जमशेदपुर, धनबाद में आधुनिक सिटी बस सेवा आरंभ किए जाने का प्रस्ताव। इन शहरों में मॉर्डन अन्तराज्यीय बस अड्डों का निर्माण पीपीपी भागीदारी के आधार पर किये जाने का प्रस्ताव। 2022–23 में नवगठित 10 नगर निकायों एवं गुमला, लोहरदगा, जामताड़ा में Piped Water Supply की नई योजना पर होगा कार्य प्रारंभ। पीएम आवास योजना अन्तर्गत 70,000 आवासों का हो रहा काम, 2022-23 में 35000 आवास पूर्ण करने का लक्ष्य। झारखंड राज्य आवास बोर्ड द्वारा राज्य में पहली बार रांची, देवघर में आवासीय परियोजना का होगा निर्माण। 2022–23 में नए सचिवालय भवन बक निर्माण कार्य होगा प्रारंभ।

2022–23 में ग्रेटर रांची डेवेलपमेंट अथॉरिटी (GRDA) अन्तर्गत आधारभूत संरचना विकसित करने के साथ आवास का निर्माण का प्रस्ताव। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कुल 13 विभाग द्वारा आउटकम बजट का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत 314 योजनाओं को आउटकम बजट में शामिल किया गया है। लगभग 39000 करोड़ रुपए आकलन की गई है। सूचना प्रोद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस 353.27 करोड़ का बजट प्रस्तावित। आईटी क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से आईटी पॉलिसी लाने का प्रस्ताव। झारखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र रांची में एक राज्यस्तरीय भौगोलिक सूचना तंत्र प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव। युवाओं में उधम सिलता विकसित करने के उद्देश्य से स्टार्टअप फंड बनाने का प्रस्ताव। इसके लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान। आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषाहार पकाने एवं वितरण के लिए बर्तनों एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए एक-एक जल शोधक यंत्र की आपूर्ति की जाएगी। विद्यालय के बाहर रह रहीं 23 हजार किशोरियों का चयन कर उनका नामांकन आठवीं एवं दसवीं में कराया जाएगा। बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निदानात्मक शिक्षा अर्थात रिमेडेयल क्लास शुरू किया जाएगा। इसपर आगामी वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 42 हजार शिक्षकों को टैब उपलब्ध कराया जाएगा। विद्यालय के बाहर रह रहीं 23 हजार किशोरियों का चयन कर उनका नामांकन आठवीं एवं दसवीं में कराया जाएगा। बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निदानात्मक शिक्षा अर्थात रिमेडेयल क्लास शुरू किया जाएगा। इसपर आगामी वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए शिक्ष छात्र अनुपात को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप लाने के लिए शिक्षकों के नए पद सृजित होंगे। पारा शिक्षकों के मानदेय के अतिरिक्त 600 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। प्रत्येक पंचायतों में प्रज्ञा केंद्रों अथवा कॉमन सर्विस सेंटरों को सुदृढ़ किया जाएगा। सरकार 40 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत एक अतिरिक्त कमरों का निर्माण राज्य सरकार कराएगी। इसके लिए प्रति आवास की दर से 50 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। दुमका के महालिया एवं रानेश्वर प्रखंड में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मसालिया-रानेश्वर मेगा लिफ्ट योजना शुरू होगी। आगामी वित्तीय वर्ष में एग्री स्मार्ट ग्राम योजना शुरू होगी। इसके तहत प्रथम चरण में 100 गांवों का चयन स्थानीय विधायकों की अनुशंसा पर किया जाएगा। इन गांवों के गैप का अध्ययन कर विभिन्न योजनाओं को यहां लागू किया जाएगा।

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