झारखंड : रांची में दवा कारोबारी ने अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले से कूदकर दे दी जान

रेमडेसिविर इंजेक्सन की कालाबाजारी मामले में उनपर जांच चल रही थी

रांची : राजधानी रांची के दवा कारोबारी राकेश रंजन ने अपने ही अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले से कूदकर राकेश रंजन ने जान दे दी। कोविड संक्रमण के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्सन की कालाबाजारी मामले में उनपर जांच चल रही थी। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। बताते चलें कि रांची के अरगोड़ा चौक स्थित हेल्थ प्वाइंट के मालिक राकेश रंजन अरगोड़ा इलाके के ही मंगलम अपार्टमेंट में रहा करते थे। रविवार की सुबह अचानक राकेश तीसरे माले से कूद गए। नीचे गिरते ही मौके पर ही राकेश की मौत हो गई। आनन-फानन में मामले की जानकारी अरगोड़ा पुलिस को दी गई। अरगोड़ा पुलिस की टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। परिवार वालों से भी पूछताछ की गई है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह थी जिसके कारण राकेश ने सुबह-सुबह अपनी जान दे दी। कोविड संक्रमण के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्सन की कालाबाजारी मामले को लेकर राकेश रंजन का भी नाम सामने आया था। मुख्य आरोपी राजीव सिंह के साथ-साथ राकेश रंजन के घर पर भी सीआईडी की टीम ने छापेमारी की थी।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी में आया था नाम

आत्महत्या करने वाले राकेश रंजन का नाम रेमडिसिविर कालाबाजारी में सामने आया था। इस मामले की जांच डीजी अनिल पाल्टा के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम कर रही है। जानकारी के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में पुलिस ने राजीव सिंह को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी। उस वक्त अनिल पाल्टा सीआईडी के एडीजी थे। पूछताछ के दौरान राजीव सिंह ने राकेश रंजन की दुकान से इंजेक्शन खरीदने की बात कही थी। अनुसंधान के दौरान सीआईडी ने मेडिसिन प्वाइंट के संचालक राकेश रंजन को सरकारी गवाह बना दिया। राजीव सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन राकेश रंजन से लिया है। जब सीआईडी की टीम पूरे मामले की छानबीन की तो कहानी कुछ और ही सामने आई। सभी इंजेक्शन डोरंडा के हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल से लिए गए थे। पूछताछ में सीआईडी को जानकारी मिली थी कि सृष्टि अस्पताल से जुड़े मनीष सिन्हा ने इंजेक्शन के बदले पैसा नहीं लिया था। जान-पहचान और मित्रता होने के नाते उन्होंने यह इंजेक्शन राकेश रंजन को दिया था।

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