झारखंड बजट सत्र : पुरानी पेंशन योजना और सूचना आयुक्त की नियुक्ति का उठा मामला
राज्य में अभी राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू है : वित्त मंत्री

सूचना आयुक्त के नियुक्ति चयन के लिए विपक्ष के नेता का होना जरूरी है : प्रभारी मंत्री आलमगीर
रांची : झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सोमवार को पुरानी पेंशन योजना और सूचना आयुक्त की नियुक्ति का मामला उठा। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य में अभी राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू है। एक जनवरी 2004 के प्रभाव से केंद्र सरकार की सेवा में आनेवाले सभी नए कर्मियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई। इसी के आलोक में झारखंड सरकार ने भी 1 दिसंबर 2004 को या उसके पश्चात नियुक्त झारखंड सरकारी सेवकों पर नई अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रूप से लागू है। कहा कि पुरानी पेंशन योजना पर सभी पहलुओं पर विचार कर सम्यक निर्णय लेगी। वहीं भाजपा विधायक विरंची नारायण ने झारखंड राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त नहीं होने का मुद्दा उठाया। पिछले दो वर्षों से सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने के कारण करीब 20,000 से अधिक द्वितीय अपील एवं शिकायतवाद लंबित है। इसके जवाब में प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सूचना आयुक्त के नियुक्ति चयन के लिए विपक्ष के नेता का होना जरूरी है, लेकिन विरोधी दल के नेता का नाम सरकार को नहीं मिला है। मिथिलेश ठाकुर ने कहा की सूचना आयोग की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका होती है, लेकिन विपक्ष के पास अपना कोई नेता नहीं है। विपक्ष जानबूझकर इस मामले को उलझाया हुआ है।