फर्जी प्रमाण पत्र के आधार चतुर्थ वर्गीय कर्मी बन गए अफसर, जांच हो : बंधु तिर्की

सवाल चपरासी प्रमोशन का मामला है

रांची : प्रश्नकाल में विधायक बंधु तिर्की ने सवाल उठाते कहा कि सेवा काल के दौरान कितने प्रमोशन देने का प्रावधान हैं। एक-एक कर्मचारी चार से पांच प्रोन्नति ले चुका है। इससे राजस्व की क्षति हो रही है। इस पर जांच होनी चाहिए। कैडर विभाजन के दौरान आए चतुर्थ वर्ग के कमियों का कई प्रोन्नति हो चुका है। इनके प्रमाण पत्र भी सही नहीं है, इसकी जांच होनी चाहिए। सवाल चपरासी प्रमोशन का मामला है। जिनको जानकारी नहीं है वह भी सकेंड क्लास के अफसर बन गए है। फर्जी तरीके से प्रमण पत्र लेकर प्रोन्नति पा रहे हैं। विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कुछ लोगों को गलत ढंग से प्रोन्नति दी गई है। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अगर कोई ऐसा मामला है तो जांच कराई जाएगी। पूर्व में कई लोग हैं जिनका प्रमोशन के बाद डिमोशन किया गया।

थाने के साथ-साथ पर्यटन स्थल पर लगे सीसीटीवी

विधायक बिरंची नारायण ने थाने में सीसीटीवी का मामला उठाया। क्या सरकार हर पर्यटन स्थल में सीसीटीवी लगाने का विचार रखती है। कितने थाने में लगा है और कितने और लगाना है। बोकारो में मेरे फंड से कई चौक-चौराहों पर सीसीटीवी लगाया गया। इसके बाद कई अपराधी पकड़े गए। जब रांची में लग सकती है तो अन्य जिलों में क्यों नहीं। रांची में सीसीटीवी का हाल बहुत खराब है। मेटेनेंनस का जिम्मा नगर निगम की है। मगर नगर निगम इसका मेटेनेंनस नहीं करता है। अगर पयर्टन स्थल में सीसीटीवी लग जाएगा तो क्राइम पर लगाम लगेगा। जहां पर्यटन स्थल में क्राइम होते हैं वहां लगनी चाहिए। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीसीटीवी वर्तमान सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 78 करोड़ से अधिक का प्रावाधन किया गया है। जिसकी निकासी भी हो गई है। इसे लगाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं। जहां तक पर्यटन स्थल की बात है तो इसकी जिम्मेवारी भी पुलिस की है। जहां क्राइम होता है, वैसे पयर्टन स्थलों पर सीसीटीवी लगाया जाएगा। पुलिस हाऊसिंग निगम के माध्यम से किया जाना है। जगहों को चिन्हित करके इसे लगवाने का काम किया जाएगा।

मॉब लिचिंग के मुआवजा मामला उठाया गया

विधायक विनोद सिंह ने मॉब लिचिंग का मामला उठाया। रूपेश पांडेय के मामले में सरकार कहती है कि यह मॉब लिचिंग का नहीं है। 46 में 11 मामलों में सजा हुई है। पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं दी गई है। कई परिवार के मुआवजा नहीं मिला है। सभी मामलों में कबतक मुआवजा देगी। बगोदर के सुनील पासवान मामले में अबतक मुआवजा नहीं मिला। अबतक कितने मॉब लिचिंग मामले में कार्रवाई हुई। विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि कानून बनने के पहले भी कई मामले हुए। हाल के दिनों में घटना हुई। जो पहले हुआ कानून बनने के बाद उनके आश्रितों को मुआवजा देगी। मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब देते हुए कहा कि 11 मामले का निष्पादन हुआ है, बाकी पर अनुसंधान चल रहा है। दो कांड छोड़कर कार्रवाई चल रही है। मंत्री ने कहा कि जब भी मर्डर केस होता है तो उसको जिला जज, एसपी और डीसी मिलकर ही मुआवजा दी जाती है। शुरूवाती चरण में 3 लाख मुआवजा दी जाती है। यह जिला जज की अदालत में जमा किया जाता है। झारखंड में मॉब लिंचिंग के मामलों में त्वरित न्याय के लिए राज्य सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करेगी। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में वर्ष 2016 अबतक 46 मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं। इन मामलों के 51 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा तथा पीड़ितों को 19 लाख 90 हजार का मुआवजा दिया गया है। मंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का मामला सरकार के पास विचाराधीन है।

एसीबी के पकड़े जाने और जमानत मिलने पुन: नौकरी पर आ जाने की जांच की मांग

विधायक अमित कुमार मंडल ने सवाल उठाते हुए कहा कि आजतक कितनी कार्रवाई एसीबी के द्वारा हुई। कहीं न कहीं परिणाम नहीं मिल रहा है। जमानत के बाद फिर नौकरी करने लग जाते हैं। कितने भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई। 177 पर अब कौन सा विभागीय कार्रवाई हुई है। इसके लिए एक कमेटी बने। मंत्री ने कहा कि चार्टशीट जमा नहीं करने के बाद दोषी को जमानत मिल जाता है। ज्वाइनिंग करके बाद तुरंत कार्य में नहीं लगाया जाता है। कार्य में संलिप्त नहीं किया जाता है। 177 मामले निष्पादित हो गए हैं। अगर कोई ऐसे मामला है तो आप बताएं कार्रवाई होगी।

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