अब अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने में लगी कांग्रेस

मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली थी

रांची : हेमंत सरकार की सहयोगी रही कांग्रेस के तेवर आजकल तल्ख दिख रहे हैं। पार्टी और झामुमो के बीच रिश्ते बहुत सहज नजर नहीं आते। हाल के दिनों में हेमंत सोरेन द्वारा की गई घोषणाओं को लेकर पार्टी काफी दुखी है। अब उसने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने शुरू भी कर दिए हैं। इसका नजारा बजट सेशन और कांग्रेस के चिंतन शिविर तथा प्रमंडल स्तरीय बैठकों में भी देखने को मिला। बजट सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेसी विधायक अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे। भाषा विवाद और 1932 के खतियानी के मुद्दे पर पार्टी विधायक सरकार से नाराजगी जताते दिखे। गिरिडीह में आयोजित चिंतन शिविर में कांग्रेसियों ने हेमंत सोरेन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली थी।

अधिकारी नहीं सुनते बात

चिंतन शिविर के अलावा जारी बजट सत्र में भी कांग्रेसियों ने इस बात को उठाया कि अधिकारियों द्वारा उनको तरजीह नहीं दी जाती है। विधायक प्रदीप यादव ने बुधवार को सदन में कहा भी कि उनके महत्वपूर्ण सवाल को जवाबदेह अधिकारियों ने किनारे लगा दिया था। उनका मकसद मामले से संबंधित अधिकारियों को सदन के कटघरे में खड़ा करने से बचाना था। इस प्रकरण से पहले भी अधिकारियों के मुद्दे पर पार्टी के विधायकों ने कई बार हेमंत सोरेन से शिकायत भी की है। कई बार तो सारे विधायकों ने सामूहिक तौर पर मुख्यमंत्री के पास अपनी बात रखते हुए शिकायत की है कि अपने ही सरकार में उन्हें ब्यूरोक्रेट्स से सम्मान नहीं मिल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, सीएम चाहते हैं कांग्रेस समाप्त हो जाए

गिरिडीह के मधुवन में प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन समारोह में सरकार में काबिज मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि सीएम चाहते हैं कांग्रेस समाप्त हो जाए। इस टिप्पणी के साथ ही एक तरह से उन्होंने हेमंत सरकार के खिलाफ बगावती तेवर में दिखे।

विधायक सदन में कर रहे हैं घेराबंदी

बजट सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायक लगातार सरकार को अलग-अलग विषयों पर घेर रहे हैं। विधायक इरफान अंसारी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार का तीसरा बजट शुरू हो गया है, तीन वर्षों में तीन पुल भी नहीं मिला। पूर्व की सरकार में विधायकों को 30 किलोमीटर सड़क प्रति वर्ष मिलता था, लेकिन इस सरकार में इसे घटाकर 6 किलोमीटर किया गया, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि यह 6 किमी सड़क भी विधायकों को नहीं मिल रही है।

बंधु तिर्की ने पेंशन मामले को लेकर सदन में उठाए थे सवाल

कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने सदन में पेंशन को लेकर सदन में मामला उठाया था। बंधु तिर्की ने कहा था कि 9 महीने से राज्य में लाभुकों को पेंशन नहीं मिल रहा है। महिलाएं काफी गुस्से में है। गांव की महिलाएं अपना पासबुक तक जला दे रही हैं। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

Show More

Related Articles