गैर झारखंडी दुरुपयोग करने से बाज आए
आसाम और महाराष्ट्र की घटना दूहराने से भी बाज नहीं आएंगे झारखंड के आदिवासी : केन्द्रीय सरना समिति

रांची : केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा एवं महासचिव कृष्णकांत टोप्पो ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा की अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका मंच के द्वारा आहूत झारखंड बंद का आह्वान फिसड्डी साबित हुआ। पहलवानी में पैदा हुए गैर झारखंडी नेता की पहलवानी को झारखंड में रहने वाले गैर झारखंडी लोगों ने भी धत्ता बता दिया। इस संबंध में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा व महासचिव कृष्णकांत टोप्पो ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि मंच के तथाकथित नेताओं को बिहार जाकर अपनी नेतागिरी चमकाने की आवश्यकता है, झारखंड में उनकी नेतागिरी नहीं चलने वाली। सबसे बड़ी बात तो यह है कि रविवार को छुट्टी के दिन बंद बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसा कर उन्होंने अपनी ही मिट्टी पलीद कर ली है। मंच के तथाकथित नेता झारखंड को चारागाह मानने की भूल ना करें और झारखंडियों के हक-अधिकार पर दावेदारी करना भूल जाए, क्योंकि बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना है और झारखंडियों का बड़प्पन है कि वे कोई भी हिंसात्मक कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं और समरसता कायम रखे हैं। इसका गैर झारखंडी दुरुपयोग करने से बाज आए वरना झारखंड के आदिवासी-मूलवासी जनता आसाम और महाराष्ट्र की घटना दूहराने से भी बाज नहीं आएंगे। केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने रविवार की बंदी को निष्फल बताते हुए सभी आदिवासी-मूलवासी संगठनों के साथ-साथ गैर झारखंडियों को भी साधुवाद दिया।