आजसू के विस घेराव को लेकर राजनीति गर्म, पार्टी कार्यालय के बाहर फोर्स की तैनाती
आजसू ने डबल इंजन सरकार के स्थानीय नीति का मनाया था जश्न, अब क्रेडिट लेने के लिए कर रही है मांग : जगरनाथ महतो

रांची : स्थानीय नीति एवं भाषा को लेकर आजसू पार्टी का विस घेराव-मार्च को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। प्रशासन की ओर से आजसू कार्यालय के बाहर फोर्स की तैनाती कर दी गई है। इसको लेकर आजसू नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। डा. देवशरण भगत ने इसे तानाशाही रवैया का आरोप सरकार पर लगाया है। वहीं झामुमो के मंत्री आजसू पर दोहरे चरित्र का राजनीति करने का आरोप लगाया है। आजसू विधायक 1932 के आधार स्थानीय नीति को तय करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे। इसे लेकर जगरनाथ महतो ने कहा कि जो लोग स्थानीय नीति का विरोध कर रहे हैं वे दुबारा चुनकर विधानसभा में नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि आजसू का दोहरा चरित्र दिख रहा है। पहले तो 1985 के आधार पर रघुवर सरकार ने स्थानीय नीति तय की गई तो जश्न मनाया था। अब 1932 की वकालत कर रही है। सिर्फ चेहरा चमकाने के लिए मांग कर रहे हैं। इन्हें कोई क्रेडिट नहीं मिलने जा रहा है। यह सिर्फ बहती गंगा में हाथ धोने के लिए आगे आ रहे हैं। आजसू को पता है कि 1932 हेमंत सरकार करने जा रही है। मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन का सभी को अधिकार है। आजसू के विधानसभा घेराव कार्यक्रम को सरकार बाधित नहीं कर रही है। स्थानीय नीति पर सरकार गंभीर है।
पुलिस फोर्स की तैनाती और वाहन चेंकिग को लेकर सदन में गहमागहमी
सुदेश महतो ने कहा सभी सड़कों पर पुलिस बल खड़े हैं, इसका क्या कारण है? मैं गाड़ी से उतरने के बाद हेलमेट पहन लिया। पता नहीं क्या हो जाए। विधायक भानू प्रताप शाही ने कहा कि कई जगहों पर डंडा दिखाकर रोकने का काम किया। अगर कोई आंदोलन करना चाहते हैं तो यह तो फंडामेंटल राइट का हनन है। पूरे प्रदेश को छावनी बना दिया है। सरकार को तत्काल इसे हटाना चाहिए। इरफान अंसारी ने कहा कि कहीं नहीं रोका गया है। मैं भी आया हूं, जानबुझकर सरकार को बदनाम किया जा रहा है। इन्हें कहां रोका गया है बताया जाए। विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मेरा आसन से आग्रह होगा कि सरकार खतियान को आधार मानते हुए या अंतिम सर्वे को आधार बनाते हुए स्थानीय नीति बनानी चाहिए। यह इमोशनल इश्यू है। सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसका हल निकालना चाहिए। विलंब नहीं होना चाहिए। विधायक सरयू ने कहा कि मेरी गाड़ी भी रोकी गई। मैं मॉर्निंग वाक के लिए निकला तो ऐसा हुआ है। अगर कोई समस्या है तो इसका हल निकालना चाहिए। अमित मंडल ने कहा कि विधायी कार्य करने से रोका गया। यह प्रिविलेज का मामला है। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि जो बेरेगेडिंग लगाई है कि जो परिस्थतियां पिछले सरकार में पैदा की गई थी, यह किसी से छिपा नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के दौरान कोई हो-हंगामा ना हो, विधि-व्यवस्था सुचारू रखने के लिए ऐसा किया गया है। कहीं कोई आने-जाने में तकलीफ नहीं है। झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि 8 मई 2017 में जब सीएनटी-एसपीटी में संशोधन किया गया था तो पूरे राज्य में 144 लागू कर दिया गया था। उस समय ये लोग कहां थे। आज इन्हें तकलीफ हो रही है।