महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना राज्य सरकार की प्राथमिकता : आलमगीर आलम

सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता का समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध

रांची : राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, चाहे वह राजनीति हो, स्वंय सहायता समूह हो, महिला श्रमिक अथवा महिला मेट हों। सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता का समान अवसर प्रदान कर रही है। इसके तहत ग्रामीण विकास विभाग एवं मनरेगा अंतर्गत कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के अवसर पर महिला मेट एवं लाभार्थियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि समाज, देश एवं राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है, जिससे उनका आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हो सके। विभाग की ओर से लगातार कई ऐसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके, ताकि उनके जीवन में खुशहाली आए, साथ ही वे स्वावलंबी बनें। महिलायें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बने यह सरकार की सोच है। उन्होंने कहा कि समाज में नारी शक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। एक महिला के विकास का मतलब एक पूरे परिवार का विकास है और इसलिए समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में योगदान देना चाहिए।

पूरे राज्य में 50 लाख से अधिक परिवारों को दिए गए जॉब कार्ड 

कार्यक्रम में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी. बी ने कहा कि राज्य में 50 लाख से अधिक परिवारों को जाब कार्ड दिया गया है, उसमें से 21 लाख से अधिक महिलाएं हैं। हमने पूरे राज्य में 4.8 करोड़ मानव दिवस सृजन किया है। महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी दीदी बाड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़कर महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं। मनरेगा के अंतर्गत चलने वाली कई योजनाओं से महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। महिलाएं दीदी बाड़ी योजनाओं में कार्य कर कुंआ बनाने और अन्य योजनाओं का लाभ लेकर अपने परिवार का सहारा बन रहीं हैं। इससे उनमें एक नया आत्मविश्वास उभर रहा है। महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर सकती हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संवार सकती हैं। ग्राम स्तर पर ऐसी हजारों महिलाओं ने आज अपने भविष्य को संवारने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। यह महिला सशक्तिकरण का एक अनुपम उदाहरण है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में जेएसएलपीएस का महत्वपूर्ण योगदान

झारखंड लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सूरज कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में सखी मंडल का गठन किया जा रहा है। इन सखी मंडल के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं, जिनसे महिलाएं आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में जेएसएलपीएस महत्वपूर्ण योगदान निभा कर महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस के तहत पलाश ब्रांड को बढ़ावा दिया जा रहा है, आनेवाले दिनों में पलाश ब्रांड एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर उभर कर सामने आएगा।

महिला मेट एवं लाभार्थियों ने अपने अनुभव एवं विचार को किया साझा 

कार्यक्रम में महिला मेट एवं लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव एवं विचार साझा किए। गुमला जिला के बसिया से आयी विश्वासी कुजूर ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर आज वह स्वावलंबी बन रही हैं। मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना का लाभ लेकर आज पशुपालन से जुड़ी हुई हैं। मुर्गी पालन, बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही  हैं। वे कहती हैं कि अब वह आसानी से अपनी आजीविका चला रही हैं। तोरपा की महिला मेट एतवारी देवी ने कहा कि पहले परिवार की आर्थिक स्थिती दयनीय थी। परिवार की जरुरते पूरी नहीं हो पाती थीं। मनरेगा मेट के रूप में जुड़ने के बाद उनकी आय में भी वृद्धि होने लगी। मनरेगा के तहत आम बागवानी एवं अंतर कृषि कर उनकी आय में बढ़ोत्तरी होने लगी। कार्यक्रम में महिला मेट एवं महिला लाभार्थियों का उत्सव से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर कई महिला मेट एवं लाभुको को मंत्री आलमगीर आलम ने सम्मानित किया, जिसमें बेड़ो प्रखंड की रुकसाना खातुन, सोनाहातू की माहेश्वरी देवी, तोरपा की एतवारी देवी, रनिया की ममता देवी, घाघरा की सीता देवी, कैरो की संगीता देवी, किस्को की रशिदा खातुन, पतरातु की रेखा देवी एवं माण्डू की रूपा देवी हैं। लाभार्थियों में पूनम देवी, निर्मला देवी, पुष्पा देवी, विश्वासी कुजूर, रिंकी देवी, सुमनती तिग्गा को प्रोत्साहन राशि दी गई। कार्यक्रम में जलछाजन के सीईओ विनयकांत मिश्रा, ग्रामीण विकास विभाग के उपसचिव रंजीत रंजन प्रसाद, अवर सचिव चन्द्रभूषण समेत कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

Show More

Related Articles