हाजीपुर :अधिवक्ताओं ने बिहार दिवस के अवसर पर हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के वकालत खाना में बिहार के निर्माण में डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा की भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया
आज के दिन 1912 में बिहार बना राज्य
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक संघ के उपाध्यक्ष राजकुमार दिवाकर ने कहा कि 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार राज्य की स्थापना की गई। बिहार की स्थापना में डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा का प्रमुख योगदान रहा।
स्वतंत्रता की लड़ाई में अधिवक्ताओं की रही महत्वपूर्ण भूमिका
डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने बिहार को बंगाल से अलग एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका जन्म 10 नवंबर 1871 को शाहाबाद जिले (वर्तमान बक्सर) के मुरार गाँव में हुआ था।
लंदन में कानून की पढ़ाई के दौरान, डॉ. सिन्हा ने महसूस किया कि प्रशासनिक संरचना में बिहार का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है, जिससे उन्हें गहरा दुःख हुआ। स्वदेश लौटने पर, उन्होंने बिहार को बंगाल के अधीन देखकर इसे अलग प्रांत बनाने का संकल्प लिया।
“द बिहार टाइम्स”नामक अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र का बंगाल बिहार विभाजन में रहा प्रमुख योगदान
बिहार की स्वतंत्रता के लिए जनमत तैयार करने हेतु, 1894 में ‘द बिहार टाइम्स’ नामक अंग्रेज़ी साप्ताहिक समाचार पत्र का डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा द्वारा प्रकाशन शुरू किया गया। उनके प्रयासों से 12 दिसंबर 1911 को ब्रिटिश सरकार ने बिहार और उड़ीसा के लिए एक लेफ्टिनेंट गवर्नर इन काउंसिल की घोषणा की, जो बिहार को बंगाल से अलग करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था ।
अधिवक्ताओं ने कहा कि बिहार का एक गौरवशाली इतिहास है यह लोकतंत्र की जननी ज्ञान अहिंसा करुणा साधना एवं प्रेम सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक विरासत है।आधुनिक भारत के निर्माण में भारत के विकास में बिहार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर अधिवक्ता मुकेश, रंजन ,श्याम नाथ सुमन सरोज सिंह संजीव कुमार प्रवीन रंजन हरेंद्र ठाकुर पंकज कुमार अनीश चंद्र गांधी पप्पू रजक गौरवशाली बिहार की चर्चा की जिसमें बिहार के विकास एवं निर्माण में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का संकल्प लिया
व्यवहार न्यायालय,हाजीपुर से अधिवक्ता अमरेंद्र पांडे की रिपोर्ट
