सुपौल: कलंक:जहां एक मां अपनी मात्र चार माह की बच्ची को नहर के झाड़ियां में फेंक दिया.वहां पर झाड़ियां में काम करने वाली महिलाओं ने बच्चे की रोने की पुकार को सुन लिया और बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया.सूत्रों से मालूम चला कि महिला अपने देवर के प्रेम संबंध में पागल थी और इस संबंध को कायम रखने के लिए उसने बच्ची को झाड़ियां में फेंकना मुनासिब समझाएं बच्ची को सुरक्षित गांव वाले के द्वारा चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया
मामला सुपौल के रत्नापुर गांव के वार्ड नंबर 11 की है
यह मामला सुपौल जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र के भगवानपुर पंचायत वार्ड 11 की है। जहां खेत में काम करने गई महिला को जब नहर किनारे एक सुनसान झाड़ी से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी
भूत की आशंका समझ महिला भागी गांव की ओर
प्रत्यक्षदर्शी महिला बच्चे की आवाज को किसी अनहोनी या फिर उसे लगा कि यह कोई भूत की आवाज है इस आशंका से डर कर महिला गांव में भागकर आई और झाड़ी में बच्चे की रोने की बात बताई ,गांव के महिलाओ और पुरुषों का झुंड वहां पहुंचा तो झाड़ी में बच्चे को रोते देखा गया .स्थानीय लोगो की सहयोग से बच्ची को निकाल स्थानीय रतनपुर थाना और चाइल्ड लाइन सुपौल को सूचना दी गयी.स्थानीय थाना और चाइल्ड लाइन सुपौल की टीम समदा पहुँचकर करीब चार माह की उस बच्ची को अपने कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है.
ग्रामीणों ने की बच्चों की पहचान उक्त महिला मां गांव छोड़ ,देवर के साथ हुई फरार
झाड़ियां में बच्ची मिलने की चर्चा मानो जंगल में आग की तरह खबर कई गांव में फैल गई .बच्ची मिलने की चर्चा सुनकर लोगो की भारी भीड़ वहां जमा हो गई. कुछ ग्रामीणों ने बच्ची की पहचान भी की कहा यह बच्चा गांव के ही एक व्यक्ति का है. जो बाहर दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता है. इधर उसकी पत्नी देवर के साथ प्रेम प्रसंग में फंसकर बच्ची को झाड़ियों में फेंक फरार हो गई है. ग्रामीणों ने कहा कि देवर के प्रेम में उस महिला ने अपनी 4 महीने की बच्ची को नहर के झाड़ी फेंक प्रेमी देवर संग फरार हो गयी है।
चाइल्ड लाइन का बयान
फिलहाल चाइल्ड लाइन सुपौल की टीम ने बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया है,और कहा है की 90 दिनों तक परिजन द्वारा दावा नही की जाती है तो इस बच्चा को लिगली स्वतंत्र के लिए आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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