दिल्ली: मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है. इस फिल्मी लाइन को भारत के केंद्रीय मंत्री पशुपति नाथ पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए तंज कसा था
आंगने का हो सकता है स्थानांतरण, मिल सकती है पशुपति कुमार पारस को खगड़िया लोकसभा सीट
हाजीपुर लोकसभा सीट जिस पर पशुपति कुमार पारस ने अपना दावा पहले से ठोक रखा है उन्होंने अपने बयान में कहा कि
मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है …. मैं 1977 से हाजीपुर की धरती और यहां की जनता का सेवा करते आया हूं और मैं वर्तमान में यहां का सांसद हूं. हाजीपुर लोकसभा मेरी कर्मभूमि है और मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा मुझे वहां से चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता पशुपतिनाथ पारस
हाजीपुर लोकसभा सीट पर चिराग पासवान का बयान
हाजीपुर मेरे पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान की सीट रही है. हम इसे क्यों छोड़े यह मेरा अधिकार है यहां से मेरे पिता आठ बार सांसद रह चुके हैं – चिराग पासवान, जमुई सांसद
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ले सकता है लोकसभा सीट के स्थानांतरण का फैसला
सूत्रों की अगर मन तो भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में हाजीपुर लोकसभा सीट के बंटवारे का पेज बड़ा जटिल है. इस सीट को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व दोनों को अर्थात चाचा और भतीजा मैं सामंजस्य बैठाने के लिए चिराग पासवान के फेवर में इस सीट का स्थानांतरण कर सकते हैं अर्थात पशुपति कुमार पारस को खगड़िया लोकसभा की सीट मिल सकती है और युवा नेता चिराग पासवान को हाजीपुर संसदीय लोकसभा सीट से लड़ाया जा सकता है.
युवा है चिराग पासवान,भाजपा के लिए पूर्व में हनुमान भी साबित हुए थे
चिराग पासवान युवा है और पूर्व के इलेक्शन में भाजपा के लिए हनुमान भी साबित हो चुके हैं आज बिहार राज्य में जीत के मामले में जो जदयू का आंकड़ा बिगडा है उसके पीछे कहीं ना कहीं चिराग पासवान की हनुमान नीति और नरेंद्र मोदी के प्रति वफादारी है .उन्होंने मंत्री पद और पार्टी का ख्याल न करते हुए केवल और केवल नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी वफादारी को सिद्ध करने के लिए उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जहां पर जदयू मजबूत था जिसका परिणाम यह हुआ कि आज नीतीश कुमार आंकड़ों में बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन गए.
पासवान परिवार के जीत के लिए सबसे सुरक्षित है हाजीपुर लोकसभा सीट
हाजीपुर लोकसभा सीट वहीं सीट है जिस पर रामविलास पासवान ने 1977 में देश में सर्वाधिक 4 लाख 69 हजार 007 मतों से विजय हुए थे और अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाए थे.
1989 में पासवान ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा
रामविलास पासवान ने सन 1989 में अपने इस जीत का रिकॉर्ड अपने द्वारा ही तोड़ा और इस बार उन्होंने 5 लाख 4 हजार 448 वोट से विपक्षी को हराकर अपने पूर्व के रिकॉर्ड को खुद तोड़ डाला और दमदार जीत के साथ इतिहास बनाया.
राजनीति में पशुपतिकुमार पारस की एन्ट्री
अगर बात करें केंद्रीय मंत्री पशुपतिनाथ पारस की जो वर्तमान में हाजीपुर लोकसभा से सांसद हैं उन्होंने पहली बार खगड़िया के अलौली विधानसभा सीट पर 1977 में चुनाव लड़ा और अपने विपक्षी उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी के मिश्री सदा को हराकर पहली बार विधायक बने.
पशुपति कुमार पारस साल 1985 में एलकेडी के टिकट पर फिर खगड़िया के अलौली विधानसभा से अपने विपक्षी उम्मीदवार कांग्रेस के बागेश्वर पासवान को हराकर फिर विधानसभा के लिए जीत दर्ज की.
भविष्य की राह में खड़ी है हाजीपुर लोकसभा सीट ?कौन पलटेगा अपना पाल
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के अनुसार पशुपति कुमार पारस के लिए खगड़िया सीट भी जीत का परिचायक बन सकती है .यह तो आने वाला समय ही बताएगा की हाजीपुर लोकसभा सीट चाचा या भतीजा किसकी दावेदारी होगी या फिर कौन हाजीपुर लोक सभा सीट को अपनी मां का दर्जा देने के लिए बदलेगा अपना पाल.
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